कुंडली में मंगल दोष या मांगलिक दोष होने से विवाह में देरी होती है या फिर विवाह के बाद कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए विवाह से पहले इन उपायों को कर लेना चाहिए.
ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को ग्रहों का सेनापति कहा गया है. इसे उग्र ग्रह माना गया है. कुंडली में मंगल की दशा यदि खराब हो तो इससे मंगल दोष होता है और व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.कहा जाता है कि, मंगल दोष होने से विवाह होने में काफी परेशानी होती है या देरी होती है. यदि विवाह हो भी जाए तो विवाह के बाद भी वैवाहिक जीवन सुखी नहीं रहता और कई तरह की परेशानियां जीवन में लगी रहती है. इसलिए विवाह से पहले ही जान लीजिए कि क्या कुंडली में मंगल दोष है या नहीं और यदि मंगल दोष है तो ज्योतिष उपायों की मदद से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है.
ज्योतिष के अनुसार किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल ग्रह के कुछ निश्चित भाव में होने से मंगल दोष बनता है. मंगल जब किसी व्यक्ति की कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में बैठा हो तो, इससे मांगलिक या मंगल दोष बनता है. मंगल ग्रह की ऐसी स्थिति वैवाहिक जीवन के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है. इसके अलावा कुछ ज्योतिष तो मंगल दोष को तीन लग्न (चंद्र, सूर्य और शुक्र) से भी देखते है. विवाह और वैवाहिक जीवन से जुड़ी परेशानियों से बचने के लिए लड़का या लड़की को मंगल दोष दूर करने के उपायों को जरूर कर लेना चाहिए.
जिसकी कुंडली में मंगल दोष होता है, उसके विवाह में कई तरह की परेशानियां आती है. विवाह में देरी होना, किसी कारण रिश्ता टूट जाना या विवाह के बाद जीवनसाथी के अच्छा तालमेल न बैठना. ये सभी मंगल दोष के प्रभाव से होते हैं.
यदि किसी की कुंडली के सातवें भाव में मंगल दोष हो तो ऐसे में पति-पत्नी के बीच हमेशा मनमुटाव होता रहता है. कभी-कभी लड़ाई-झगड़े इतने बढ़ जाते हैं कि यह तनाव, टकराव और तलाक का कारण भी बन जाती है.
विवाह के अलावा मंगल दोष होने से व्यक्ति कर्ज के बोझ में भी डूबा रहता है या फिर जमीन-जायदाद से जुड़ी समस्याएं लगी रहती है.
कुंडली के द्वादश भाव में मंगल दोष होने से वैवाहिक जीवन के साथ ही शारीरिक क्षमताओं में कमी, क्षीण आयु, रोग द्वेष और कलह-क्लेश को जन्म देता है.
मंगल दोष होने से व्यक्ति का स्वभाव गुस्सैल, क्रोधिक और अहंकारी हो जाता है.
ससुराल पक्ष से रिश्ते खराब होने या बिगड़ने की वजह भी मंगल दोष होता है.
मंगल दोष के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए मंगल ग्रह की शांति पूजा करें करें.
मंगलवार के दिन व्रत रखें और हनुमान मंदिर जाकर बूंदी का प्रसाद बांटे.
मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें.
मंगलवार के दिन लाल रंग के कपड़े पहनकर पूजा करें और हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं.
मंगल ग्रह की शांति के लिए तीन मुखी रुद्राक्ष या फिर मूंगा रत्न ज्योतिषी की सलाह से धारण करें तो शुभ रहेगा.
घर आए मेहमानों को मिठाई खिलाने से कुंडली में मंगल दोष का प्रभाव कम होता है.
कुंडली में मंगल दोष है तो विवाह से पहले नीम का पेड़ लगाएं और इक्कीस दिनों तक कम से कम पेड़ की देखरेख करें. इससे भी मंगल दोष दूर हो जाता है.