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हनुमान वडवानल स्त्रोत, मंगलवार के उपाय

इंद्रा‍दि देवताओं के बाद धरती पर सर्वप्रथम विभीषण ने ही हनुमानजी की शरण लेकर उनकी स्तुति की थी। विभीषण को भी हनुमानजी की तरह चिरंजीवी होने का वरदान मिला है। वे भी आज सशरीर जीवित हैं। विभीषण ने हनुमानजी की स्तुति में एक बहुत ही अद्भुत और अचूक स्तोत्र की रचना की है। विभीषण द्वारा रचित इस स्तोत्र को ‘हनुमान वडवानल स्तोत्र’ कहते हैं।
     हनुमान वडवानल स्तोत्र के फ़ायदे ये हैं:
इससे सभी तरह के रोग, दोष, पीड़ा, शत्रु बाधा, दुख, और तकलीफ़ से छुटकारा मिलता है.
इससे इंसान को सुरक्षा मिलती है और भगवान का आशीर्वाद भी रहता है.
इसे पढ़ने से मन सच्चा और पवित्र होता है.

हालांकि, अगर कोई किसी को परेशान करने के लिए या किसी से दुश्मनी निकालने के लिए इस स्तोत्र का पाठ करता है, तो उसे महा तकलीफ़, घोर संकट, और कष्टों का सामना करना पड़ता है. इसलिए, जिसके मन में किसी भी तरह का लालच, दुश्मनी, बदले की भावना, और किसी भी तरह की गंदगी न हो, वही इस स्तोत्र का पाठ करें.वीडियो देखने के लिए क्लिक करे

मंगलवार के दिन इस स्त्रोत का 11 बार पाठ करने से शुभ फल प्राप्त होते है। इस ब्लॉग के साथ वीडियो की लिंक दी गई है यदि आप पाठ नही कर सकते है तो ये वीडियो तेज आवाज में घर के मुख्य द्वार वाले कमरे में या पुजा स्थान पर एक घंटे लगातार चालू रहने दे। आपके घर की सभी नकारत्मक ऊर्जा इस शक्तिशाली मंत्र की ध्वनि से समाप्त हो जाएगी।। वीडियो लिंक पर क्लिक करे।वीडियो के लिए क्लिक करे

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