नवरात्रि 2024 शक्ति की साधना का यह पावन पर्व न सिर्फ देवी दुर्गा बल्कि भगवान राम की पूजा के लिए भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में देवी दुर्गा की तरह भगवान राम के नाम को भी शक्ति और शुभता प्रदान करने वाला माना जाता है। सनातन परंपरा में राम नाम को तारक मंत्र भी कहा जाता है, जिसका सुमिरन करते ही व्यक्ति के जीवन से जुड़ा दुर्भाग्य दूर हो जाता है।
ऐसे में शारदीय नवरात्रि के पर्व पर देवी दुर्गा की पूजा में सप्तशती का पाठ करने के साथ ही गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस की उन चौपाईयों का पाठ भी जरूर करना चाहिए. मानस का महामंत्र मानी जाने वाली इन चौपाईयों का उपाय आप नवरात्रि के 09 दिनों तक लगातार कर सकते हैं। मान्यता है कि इन चौपाईयों का जाप करने पर जीवन से जुड़ी हर बाधा दूर और मनोकामना पूरी होती है। आइए जानते हैं कि नवरात्रि में किस कामना के लिए रामचरितमानस की कौन सी चौपाई का पाठ करना चाहिए.
रामचरित मानस की चमत्कारी चौपाइयां
संपत्ति प्राप्ति के लिए
‘जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं।
सुख संपत्ति नानाविधि पावहिं।।
मनोकामना पूर्ति एवं सर्वबाधा निवारण हेतु
‘कवन सो काज कठिन जग माही।
जो नहीं होइ तात तुम पाहीं।।
आजीविका प्राप्ति या वृद्धि हेतु
बिस्व भरन पोषन कर जोई।
ताकर नाम भरत असहोई।।
शत्रु नाश के लिए
बयरू न कर काहू सन कोई।
रामप्रताप विषमता खोई।।
भय व संशय निवृत्ति के लिए
रामकथा सुन्दर कर तारी।
संशय बिहग उड़व निहारी।।
अनजान स्थान पर भय के लिए
मामभिरक्षय रघुकुल नायक।
धृतवर चाप रुचिर कर सायक।।
भगवान राम की शरण प्राप्ति हेतु
सुनि प्रभु वचन हरष हनुमाना।
सरनागत बच्छल भगवाना।।
विपत्ति नाश के लिए
राजीव नयन धरें धनु सायक।
भगत बिपति भंजन सुखदायक।।
रोग तथा उपद्रवों की शांति हेतु
दैहिक दैविक भौतिक तापा।
राम राज नहिं काहुहिं ब्यापा।।
कैसे करें मानस की चौपाई का जाप
मानस का महामंत्र मानी जाने वाली चौपाईयों का जप करने के लिए साधक को नवरात्रि की प्रतिपदा से प्रारंभ करके नवमी तिथि तक विशेष रूप से भगवान राम के गुणों का गुणगान करने और सौभाग्य प्रदान करने वाली चौपाई का जाप करना चाहिए। साथ में हनुमान वडवानल स्त्रोत का पाठ करने का भी महत्व हे।
सबसे पहले करें सूर्य साधना
पूजा के इस उपाय को करने के लिए प्रात:काल सूर्योदय से पहले उठकर स्नान-ध्यान करें और सबसे पहले सूर्यदेव को अर्ध्य देकर उनका आशीर्वाद लें। भगवान राम की पूजा से पहले सूर्यदेव की पूजा जरूर करना चाहिए क्योंकि भगवान राम सूर्यवंशी थे।
ऐसे जपें राम नाम का मंत्र
सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद घर के ईशान कोण में एक चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान राम की फोटो रखें और गंगा जल से पहले स्नान कराएं और उसके बाद पीले पुष्प, पीला चंदन, पीला फल, मिठाई आदि अर्पित करने के बाद भगवान राम का ध्यान करें और उनके मंत्र का जप तुलसी या फिर पीले चंदन की माला से जपें। भगवान राम के मंत्र का जप भी पीले रंग के आसन पर बैठकर करें।यदि आप स्वयं पुजा नही कर सकते हे तो ऑनलाइन पुजा बुकिंग के लिए संपर्क करे।