Mera Jyotishi

नाम पाहरू दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट ।
लोचन निज पद जंत्रित जाहिं प्रान केहिं बाट ॥

नाम पाहरू दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट ।
लोचन निज पद जंत्रित जाहिं प्रान केहिं बाट ॥       (रामचरित मानस, सुंदरकांड दोहा 30)      

Sundarkand doha for health improvement

भावार्थ:- ” हनुमानजी ने कहा- आपका नाम रात-दिन पहरा देने वाला है, आपका ध्यान ही किवाड़ है। नेत्रों को अपने चरणों में लगाए रहती हैं यही ताला लगा है, फिर प्राण जाएं तो किस मार्ग से? इन पंक्तियों में हनुमानजी ने श्रीराम के सामने तीन बातें कही थीं। नाम, ध्यान और ताला। इन तीन शब्दों के साथ वे सीताजी का पक्ष रखते हैं। श्रीराम पूछ रहे थे कि मेरे बिना सीता जीवित कैसे हैं? हनुमानजी का उत्तर था, प्राण तो कब के निकल जाते लेकिन आप के नाम का पहरा लगा हुआ है, आपके ध्यान के किवाड़ों पर जो ताला लगा है, वह सीताजी के नेत्रों के कारण है, क्योंकि उन्होंने अपने नेत्रों को आपके चरणों में लगा दिया है। श्रीराम समझ गए कि हनुमान ने बड़ी चतुराई से मेरे ऊपर यह जिम्मेदारी डाल दी। हनुमानजी श्रीराम को बताना चाहते हैं कि भक्त के प्राण निकलते हैं तो जिम्मेदारी आपकी होगी। “

बीमारी/तकलीफ की स्थिति में श्री राम जी का ध्यान करके ये दोहा जप करते रहे। जय श्री राम।Health problem!don’t worry!

Jay shree ram

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