नवरात्रि में शक्ति साधना विभिन्न प्रकार से की जाती है. कोई व्रत रखकर तो कोई माता का भव्य श्रृंगार कराकर तो कोई मां जगदंबे का गुणगान करके करता है. मां दुर्गा की कृपा पाने का एक और महा उपाय है मंत्र जप. मंत्र में असीम शक्ति होती है. जिसके माध्यम से आपकी शक्ति की साधना को शीघ्र ही सफल होती है और देवी दुर्गा की कृपा से दु:ख दूर होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. एक ऐसा ही महामंत्र है नर्वाण मंत्र – “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे.” नौ अक्षरों वाले इस मंत्र का जाप माता के आशीर्वाद को पाने के लिए विशेष रूप से जाप किया जाता है. आइए जानते हैं नर्वाण मंत्र से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें.ऑनलाइन पुजा बुक करे
नवार्ण मंत्र है – ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे. इसमें नौ अक्षर हैं, इसलिए इसे नवार्ण मंत्र कहते हैं. ॐ प्रणवाक्षर है, इसलिए इसकी गणना नहीं की जाती
नवार्ण मंत्र का जाप ब्रह्म मुहूर्त में करने से सबसे ज़्यादा फ़ायदा होता है. अगर ब्रह्म मुहूर्त में जाप न किया जा सके, तो सुबह 7 बजे से पहले रोज़ाना 108 बार जाप करें.
नवार्ण मंत्र का जाप ॐ सहित या रहित दोनों तरह से किया जा सकता है.
माला से जाप करते समय दायें हाथ का इस्तेमाल करें और माला पर हाथ के नाखून न लगें.
मंत्र जप से पहले संकल्प लें और पूजा भी करें.
नवार्ण मंत्र की सिद्धि के लिए 1,25,000 बार जाप करना होता है. यह जाप नौ दिनों में पूरा करना होता है. अगर यह संभव न हो, तो रोज़ाना 1, 3, 5, 7, 11, या 21 माला जाप करें. Dream interpretations
अगर नवार्ण मंत्र सिद्ध नहीं हो रहा है, तो ऐं, ह्रीं, क्लीं, और चामुंडायै विच्चे के हर शब्द का सवा लाख बार जाप करें और फिर ,फिर से नवार्ण मंत्र का जाप करें. साथ में महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत उच्च स्वर में पाठ करने से मां शीघ्र प्रसन्न होकर मनचाहा वर देती है।