गौ माता की महिमा
नंदा, भद्रा, सुभद्रा, सुशीला तथा सुरभि यह पांच गौ माताएं शिवलोक से प्रकट हुई है। जो मानव गौ माता के प्रति भक्ति भाव रखते हैं तथा गो रक्षा करते हैं ,उन पर भगवान श्री कृष्ण सदैव प्रसन्न रहते हैं, गौ माता में 33 कोटि देवता निवास करते हैं । गोदान करने से मनुष्य पाप मुक्त हो जाता है ।
जानिए हमें गौ सेवा कैसे करनी चाहिए ।
गौशाला में जाकर श्री कृष्ण से संबंधित किसी भी मंत्र का जाप करना चाहिए ।
गोशाला में किए गए मंत्र जाप का फल कई गुना मिलता है।
गौ माता की पूजा आरती परिक्रमा करना चाहिए ।
गो रज मस्तक पर लगानी चाहिए ।
स्नान के पश्चात प्रतिदिन गाय का स्पर्श करना चाहिए ।स्पर्श करते समय श्री गोवर्धन श्री हरि नाम बोलना चाहिए ।
गौ माता को हरा चारा दलिया रोटी गुड़ खिलाना चाहिए ।
मकर संक्रांति पर तिल से बनी गाय का दान करना चाहिए ।एकादशी के दिन गौ माता को फल खिलाना चाहिए ।
गौ सेवा
रविवार -रोटी गुड
सोमवार -गाय को पानी पिलाना चाहिए ।
मंगलवार -चना और गुड़ बुधवार -हरी सब्जियां और हरी घास
गुरुवार -भीगे चने और गुड़ शुक्रवार -रोटी और गुड़
शनिवार -भीगे हुए काले चने काली गाय को खिलाएं ,पूरी और पालक खिलाए ।
आटे में तिल मिलाकर रोटी बनाकर खिलाएं ।
गौ सेवा करने से आप पर आने वाली विपत्ति का नाश होता है ।
गाय को सुबह घर में बनने वाली सबसे पहली रोटी खिलाना चाहिए ।
मनुष्य को अपनी भोजन की थाली में से प्रतिदिन गो ग्रास निकालना चाहिए और गाय को देना चाहिए ।