बांसुरी को श्री कृष्ण सदैव अपने पास क्यों रखते हैं ?
बांसुरी में एक भी गांठ नहीं होती है ।बांसुरी कहती है, मेरे अंदर एक भी गांठ नहीं है ,इसलिए श्री कृष्ण मुझे अपने पास रखते हैं ।
मानव शरीर में मानव के अंदर काम की क्रोध की गांठ लोभ मोह की गांठ, ईर्ष्या द्वेष की गांठ मान अपमान की गांठ जब तक रहती है मनुष्य में तब तक मनुष्य का मन बांसुरी नहीं बन सकता है ।एक बार अपने मन को विकारों की गठान से मुक्त कर खाली कर दो ।
भगवान के नाम जप के द्वारा स्मरण के द्वारा मन को रिक्त कर दो ,उसके बाद उसमें भगवत प्रेम का रस भर दो जीवन में आनंद आ जाएगा, तब वह रस आनंद से आपका मन बांसुरी बन जाएगा ।